Year: 2010
आवाज (हिन्दी कविता)
तुम्हारे शब्दमेरे शब्दों से मिलते हैंहमारा मौन टुटतानजर भी आता हैवो तानाशाह हैहमारी देहरी परहम अपनी मांद से निकलेंतो बात…
Read More »गैरसैण के हितैषियों की राजनितिक ताकत ?
उत्तराखण्ड की जनसंख्या के अनुपात में गैरसैंण राजधानी के पक्षधरों की तादाद को वोट के नजरिये से देखें तो संतुष्ट…
Read More »बसन्त (हिंदी कविता)
बसन्त हर बार चले आते हो ह्यूंद की ठिणी से निकल गुनगुने माघ में बुराँस सा सुर्ख होकर बसन्त दूर…
Read More »नन्हें पौधे (हिंदी कविता)
प्लास्टिक की थैलियों में उगे नन्हें पौधे आपकी तरह ही युवा होना चाहते हैं दशकों के बाद बुढ़ा जाने की…
Read More »पहाड़ आवा (गढवाली कविता)
हमरि पर्यटन कि दुकानि खुलिगेन पहाड़ आवाहमरि चा कि दुकान्यों मा ‘तू कप- टी’ बोली जावा पहाड़ आवा हमरा गुमान…
Read More »चुसणा मा… (गढवाली कविता)
बस्स बोट येक दे ही द्या हात ज्वड़्यां खुट्टम् प्वड़दां बक्कै बात हमुन जाणि किलै कि/ भोळ् त चुसणा मा…
Read More »लोक – तंत्र (गढवाली कविता)
हे रे लोकतंत्र कख छैं तू अजकाल गौं मा त् प्रधानी कि मोहर वीं कू खसम लगाणु च बिधानसभा मा…
Read More »सोरा (गढवाली कविता)
सोरा भारा कैका ह्वेन जैंन माणिं सि बुसेन कांद लगै उकाळ् चढै़ तब्बि छाळों पर घौ लगैन दिन तौंकु रात…
Read More »बणिगे डाम
१ बणिगे डाम लगिगे घाम प्वड़िगे डाम मिलिगेन दाम २ सिद्ध विद़द खिद्वा गिद्ध उतरिगेन लांकि मान ३ सैंन्वार खत्म…
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फिल्म-संगीत
याद आली टिहरी (फिल्म समीक्षा)
हिमालयन फिल्मस् की गढ़वाली फिल्म ‘याद आली टिहरी’ ऐतिहासिक टिहरी बांध की पृष्ठभूमि में विस्थापित ‘लोकजीवन’ के अनसुलझे सवालों की…
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